Manzil Ki Or Badhte Jana
मंजिल की ओर बढ़ते जाना तुम हो उसके मुसाफिर -2 मार्ग तेरा वही है सच्चाई, जीवन वही है -2 मंजिल की ओर बढ़ते जाना तुम हो उसके मुसाफिर -2
राहों में जब तुम चलना सोच कदम तुम बढ़ाना -2 पाँव फिसल जाए गर घबरा के पीछे न जाना -2 मंजिल की ओर बढ़ते जाना तुम हो उसके मुसाफिर -2
हाथों में कीलें हैं उसके ये सब तेरे लिए है सर पे काँटों का ताज़ ये भी तेरे लिए है सीने में बेधा गया वो पावों में कीलें है उसके -2 मंजिल की ओर बढ़ते जाना तुम हो उसके मुसाफिर -2
तेरे लिए ही उसने अपना लहू बहाया -2 ताकि तुझको उद्धार जीवन, शांति मिले -2 मंजिल की ओर बढ़ते जाना तुम हो उसके मुसाफिर -2
Manzil Ki Or Badhte Jana