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Wednesday, April 24, 2024

Manzil Ki Or Badhte Jana

Manzil Ki Or Badhte Jana

मंजिल की ओर बढ़ते जाना 
तुम हो उसके मुसाफिर -2 
मार्ग तेरा वही है 
सच्चाई, जीवन वही है -2 
मंजिल की ओर बढ़ते जाना 
तुम हो उसके मुसाफिर -2 
राहों में जब तुम चलना 
सोच कदम तुम बढ़ाना -2 
पाँव फिसल जाए गर 
घबरा के पीछे न जाना -2 
मंजिल की ओर बढ़ते जाना 
तुम हो उसके मुसाफिर -2 
हाथों में कीलें हैं उसके 
ये सब तेरे लिए है  
सर पे काँटों का ताज़ 
ये भी तेरे लिए है
सीने में बेधा गया वो 
पावों में कीलें है उसके -2 
मंजिल की ओर बढ़ते जाना 
तुम हो उसके मुसाफिर -2 
तेरे लिए ही उसने 
अपना लहू बहाया -2 
ताकि तुझको उद्धार 
जीवन, शांति मिले -2 
मंजिल की ओर बढ़ते जाना 
तुम हो उसके मुसाफिर -2 

Manzil Ki Or Badhte Jana

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