Tu Karam Ka Samandar
आशिक को अपने यार की सूरत पे नाज़ है लोगों को अपनी दौलतों शोहरत पे नाज़ है वो और लोग हैं जिनको हुकूमत पे नाज़ है हमको तो अपने ईसा की निस्बत पे नाज़ है
हसरत-ए-दिल तू ही, तू ही ज़ीशान है दोनों आलम मसीह, तुझ पे कुर्बान है -2 बेसहारों का तू ही सहारा मसीह -2 तू करम का समंदर, तू सुल्तान है -2
तू करम का समंदर है मेरे मसीह -4
मैं क्या था, किस मक़ाम पे, पहुंचा दिया मुझे? -2 झोली भी छोटी पड़ गई, इतना दिया मुझे -2 तू करम का समंदर है मेरे मसीह -4
क्या मांगना है, मांग ले, इस दर से ज़माना -2 बचता है दो आलम में, मसीहा का ख़जाना तू करम का समंदर है मेरे मसीह -4
मेरी आँखों ने देखा है, ऐसा सनम -2 अब किसी भी सनम की, ज़रूरत नहीं -2 मेरे ईसा ने ऐसा करम कर दिया -2 अब किसी के करम की, ज़रूरत नहीं तू करम का समंदर है, मेरे मसीह -4
याद जब हम तुझे दिल से, जिस दम करें -2 तुझको पाएं मददगार, बन कर मसीह -2 रोशनी तेरी रहमत की, मुझ पर है जब -2 मुश्किलें सारी एक पल में, आसान है -2
राह में जब कभी, डगमगाए कदम -2 आया बनकर तू रहबर है, रहबर मेरा -2 डर नहीं तेरे बन्दों को मुश्किल-कुशा -2 सामने गर मेरे कोई तूफान है -2
दुनिया-ए-फ़ानी ने तुझसे पाई शिफ़ा -2 तीसरे दिन तू मुर्दों से जिंदा हुआ -2 ऐसे जलवे हैं तेरे, मसीहा मेरे -2 इसलिए सारे आलम का ईमान है -2
इल्तिजा तुझसे तेरे बन्दे की है -2 रोज़-ए-महशर हो बख्शीश हर एक शख्स की -2 सारी उम्मद की चाहत, तू ही है सनम -2 तू मोहब्बत है, तू जान की जान है -2 बेसहारों का तू ही सहारा मसीह -2 तू करम का समंदर, तू सुल्तान है -2
Tu Karam Ka Samandar | Qawwali
Note:- भजन (क़व्वाली) में से गीतकार का नाम निकालने के लिए हम क्षमा चाहेंगे। हमने ऐसा इसलिए किया ताकि हर कोई प्रभु की रहमतों का शुक्रगुज़ार हो सके। धन्यवाद।
Teesre din wo Zinda hua, Isliye dono aalam ka wo hi sultan hai.
Prabhu Ki Mahima Ho. Amen