Tum Jagat Ki Jyoti Ho Lyrics
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तुम जगत की, ज्योति हो तुम धरा के, नमक भी हो -2
तुमको पैदा, इसलिये किया तुमको जीवन, इसलिए मिला उसकी मर्जी, कर सको सदा -2 तुम जगत की ज्योति हो...
वो नगर जो, बसे शिखर पर छिपता ही नहीं, किसी की नज़र तुम्हारे भले काम, चमके इस तरह -2 तुम जगत की ज्योति हो...
पड़ोसी से प्रेम, तुमने सुना है दुश्मनों से प्रेम, मेरा कहना है तभी तुम संतान, परमेश्वर समान -2 तुम जगत की ज्योति हो...
आँख के बदले आँख, बुराई का सामना है फेरो दूसरा गाल, सह लो सब अन्याय ऐसा जीवन ही, पिता को भाता है -2 तुम जगत की ज्योति हो...
Tum Jagat Ki, Jyoti Ho Tum Dhara Ke, Namak Bhi Ho -2
Tumko Paida Isliye Kiya Tumko Jeevan Isliye Mila Uski Marzi Kar Sako Sada -2 Tum Jagat Ki Jyoti Ho...
Wo Nagar Jo, Base Shikhar Par Chhipta Hi Nahin, Kisi Ki Nazar Tumhare Bhale Kaam, Chamke Is Tarah -2 Tum Jagat Ki Jyoti Ho...
Padosi Se Prem, Tumne Suna Hai Dushmano Se Prem, Mera Kehna Hai Tabhi Tum Santaan, Parmeshwar Samaan -2 Tum Jagat Ki Jyoti Ho...
Aankh Ke Badle Aankh, Buraai Ka Saamna Hai Fero Dusra Gaal, Seh Lo Sab Anyaay Aisa Jeevan Hi, Pita Ko Bhata Hai -2 Tum Jagat Ki Jyoti Ho...
Tum Jagat Ki Jyoti Ho | Shishye Thompson
तुम जगत की ज्योति हो। जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। – मत्ती 5:14 HINOVBSI