Ham Sab Ek Hain Lyrics
रूह का कोई रूप नहीं है प्यार का कोई रंग नहीं है इश्क मोहब्बत खुशबू जैसे कोई इन्हें छुपाए कैसे
अपनी मंजिल एक है अपना रस्ता एक है चेहरा जुदा सही खून तो एक है हम सब एक थे हम सब एक हैं
देखेगा सारा जहाँ ये धरती ये आसमां अपने प्यार की दास्तां हम सब एक हैं -2 देखो एक हैं हम सब एक हैं
दुश्मन चाहे कुछ भी कह ले हम सब भाई भाई हैं पहले प्यार का जो पैगाम सुनाए वो रब के बन्दे कहलाये
अपनी रोटी एक है अपना पानी एक है मिट्टी एक है हम सब एक हैं हम सब एक थे हम सब एक हैं
दुश्मन जब जब बहकाए प्यार उन्हें हम सिखलाए दूर अँधेरा तू कर दे रोशनी से दिन भर दे
सुन ले ऐ मेरे खुदा भर दे है तुझसे दुआ तू भी एक था तू भी एक है हम सब एक थे हम सब एक हैं
Ham Sab Ek Hain | Anil Kant
Song written & composed by Anil Kant