Jo Krus Pe Jati Hai Wo Raah Hamari Hai

Jo Krus Pe Jati Hai Lyrics

जो क्रूस पे जाती है 
वो राह हमारी है -2 
वो क्रूस निशाना है -2
मंजिल वो हमारी है 
लम्बा है सफर अपना, 
बढ़ते ही जाना है 
है ताज रखा आखिर, 
उस ताज को पाना है 
अब कस लो कमर अपनी, 
शैतान से लड़ाई है
दुनियाँ ये नहीं अपनी 
सब कुछ बेगाना है 
कुछ रोज़ यहाँ रहना 
फिर छोड़ के जाना है 
रहबर वो हमारा है, 
पहचान पुरानी है 
दुःख दर्द बहुत इसमें, 
है जुल्मों सितम सहना 
हम दम वो हमारा है, 
रंजिदा नहीं रहना 
आता है कोई देखो, 
यीशु की सवारी है 
यकता है मोहब्बत जो, 
दुनियाँ से किया उसने 
मंजूर था मर जाना, 
खुद क्रूस लिया उसने 
क्या खूब मोहब्बत है, 
ये प्यार रूहानी है

Jo Krus Pe Jati Hai Wo Raah Hamari Hai

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