Jab Jab Gunahon Ka Socha
जब जब गुनाहों का सोचा फिर याद तेरी आई और कलवरी की धारा हृदय से यूं चिल्लाई यीशु तेरे होते गुनाह मैं कैसे करूं यीशु तेरे होते खता मैं कैसे करूं -2
कभी कभी बगावत करता है मन तुझसे भी सुंदर लगता है धन -2 सोने की चमक, पैसे की सदा ताने दे, कौन है तेरा खुदा तब मैं घुटनों पर झुकता हूं ग़ालिब आकर यूं कहता हूं यीशु तेरे होते बिकूं तो कैसे बिकूं -2 यीशु तेरे होते गुनाह मैं कैसे करूं यीशु तेरे होते खता मैं कैसे करूं -2
ये सच है पाप का ज़ोर है तेरा इश्क ही इसका तोड़ है -2 लिपटूं तुझसे बच्चे की तरह हाथों में तेरे डोर है तू मेरी खातिर पाप बना ये सोचता हूं तो कहता हूं यीशु तेरे होते मैं नफरत कैसे करूं -2 यीशु तेरे होते गुनाह मैं कैसे करूं यीशु तेरे होते खता मैं कैसे करूं -2
Jab Jab Gunahon Ka Socha
Singer : Ernest Mall
Lyrics : Ernest Mall