Jab Jab Gunahon Ka Socha | Ernest Mall

Jab Jab Gunahon Ka Socha

जब जब गुनाहों का सोचा 
फिर याद तेरी आई 
और कलवरी की धारा 
हृदय से यूं चिल्लाई 
यीशु तेरे होते गुनाह मैं कैसे करूं 
यीशु तेरे होते खता मैं कैसे करूं -2
कभी कभी बगावत करता है मन 
तुझसे भी सुंदर लगता है धन -2 
सोने की चमक, पैसे की सदा 
ताने दे, कौन है तेरा खुदा
तब मैं घुटनों पर झुकता हूं 
ग़ालिब आकर यूं कहता हूं  
यीशु तेरे होते बिकूं तो कैसे बिकूं -2
यीशु तेरे होते गुनाह मैं कैसे करूं 
यीशु तेरे होते खता मैं कैसे करूं -2
ये सच है पाप का ज़ोर है 
तेरा इश्क ही इसका तोड़ है -2 
लिपटूं तुझसे बच्चे की तरह 
हाथों में तेरे डोर है 
तू मेरी खातिर पाप बना 
ये सोचता हूं तो कहता हूं 
यीशु तेरे होते मैं नफरत कैसे करूं -2
यीशु तेरे होते गुनाह मैं कैसे करूं 
यीशु तेरे होते खता मैं कैसे करूं -2

Jab Jab Gunahon Ka Socha

Singer : Ernest Mall

Lyrics : Ernest Mall

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