Namrta Se Rehna
नम्रता से रहना यीशु ने कहा
अपने आप को छोटा कर
यीशु ने कहा -2
धन्य हैं वे जो नम्र हैं, पृथ्वी के अधिकारी होंगे -2
धन्य हो तुम जब, मेरे कारण सताए जाते हो
तुम्हारे विरोध बातें करके, तुम्हारी निंदा करते हैं -2
लेकिन आनंदित और मगन होना
तुम्हारा फल स्वर्ग में है
गुरू होकर भी यीशु ने, चेलों के पाँव धोए
महान प्रभु होकर भी, हमारे लिए रोए -2
मानव जाति के लिए, खुद को उसने शून्य किया -2
यीशु ने अपने आप को, ऐसा नम्र किया
महान प्रभु होकर भी, सूली पर वो चढ़ा -2
उसके जीवन से हमें, सबको है सीखना -2