Jab Jab Gunah Ka Socha
जब जब गुनाह का सोचा तेरी याद दिल में आई -2 और कलवरी की धारा ह्रदय से यूँ चिल्लाई येसू तेरे होते गुनाह मैं कैसे करूँ -2 तेरे होते गुनाह मैं कैसे करूँ
कभी कभी बगावत करता है मन तुझसे भी सुन्दर लगता है धन -2 सोने की चमक, पैसे की सदा -2 ताने दे, कौन है तेरा खुदा? तब मैं घुटनों पर आता हूँ सर को झुकाकर कहता हूँ जब जब गुनाह का सोचा...
ये सच है, पाप का जोर है तेरा इश्क ही इसका तोड़ है -2 लिपटूं तुझसे बच्चे की तरह -2 हाथों में तेरे डोर है तू मेरी खातिर पाप बना ये सोचता हूँ, तो कहता हूँ जब जब गुनाह का सोचा...
Jab Jab Gunah Ka Socha
Singer – Deepak Dolare
Lyrics – Ernest mall